Health Care : कुकिंग ऑयल का उपयोग भोजन पकाने के लिए किया जाता है, जिससे खाना स्वादिष्ट और सॉफ्ट बनता है। यह तलने, भूनने, फ्राई या पकाने में मदद करता है। विभिन्न प्रकार के तेल पकाने की विधि और स्वास्थ्य प्राथमिकताओं के अनुसार चुने जाते हैं।
क्या कुकिंग ऑयल से हो सकता है कैंसर?
हाल ही में अमेरिकी सरकार द्वारा कराई गई एक रिसर्च में यह दावा किया गया कि कुछ कुकिंग ऑयल्स कैंसर का कारण बन सकते हैं, विशेष रूप से युवा लोगों में। यह अध्ययन मेडिकल जर्नल गट में प्रकाशित हुआ। रिसर्च में सूरजमुखी, अंगूर के बीज, कैनोला और मकई के तेलों के अत्यधिक उपयोग को कैंसर के जोखिम से जोड़ा गया। 1900 के दशक में साबुन और मोमबत्ती बनाने के लिए सीड्स ऑयल का उपयोग शुरू हुआ, लेकिन धीरे-धीरे यह डाइट का हिस्सा बन गया।
रिसर्च में क्या आया सामने?
कोलन कैंसर से संबंधित तथ्य: 80 रोगियों पर हुए अध्ययन में पाया गया कि उनके शरीर में बायोएक्टिव लिपिड्स का स्तर अधिक था। यह लिपिड्स सीड्स ऑयल्स के ब्रेकडाउन के बाद बनते हैं।
ट्यूमर नमूनों का अध्ययन: 30 से 85 साल के कैंसरग्रस्त मरीजों के 81 ट्यूमर नमूनों में सीड्स ऑयल से जुड़े हानिकारक तत्व पाए गए।
सीड्स ऑयल और कैंसर का संबंध
सूजन बढ़ाना: सीड्स ऑयल में ओमेगा-6 और पॉलीअनसेचुरेटेड फैटी एसिड होते हैं, जो शरीर में सूजन को बढ़ा सकते हैं।
ट्यूमर की वृद्धि: बायोएक्टिव लिपिड्स कैंसर को तेजी से बढ़ाने और शरीर को ट्यूमर से लड़ने से रोकने में मदद करते हैं।
कुकिंग ऑयल का सही चयन कैसे करें?
हेल्दी डाइट के लिए हल्का तेल, जैसे ऑलिव ऑयल या सूरजमुखी तेल का चयन करें। तलने के लिए मूंगफली या सोयाबीन तेल उपयुक्त है। हल्का खाना बनाने या सलाद में ऑलिव ऑयल बेहतर विकल्प है। तिल का तेल या नारियल तेल विशेष स्वाद और खुशबू के लिए इस्तेमाल किया जा सकता है। कुकिंग ऑयल का सही चयन स्वास्थ्य के लिए अत्यंत महत्वपूर्ण है। संतुलित मात्रा और सही प्रकार के तेल का उपयोग करने से न केवल भोजन स्वादिष्ट बनेगा बल्कि स्वास्थ्य भी सुरक्षित रहेगा।
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